सामुद्रिक शास्त्र के अंतर्गत हाथों की लकीरों से भविष्य कथन की प्राचीन परम्परा है। जिन व्यक्तियों को जन्म विवरण जैसे समय व तारीख़ मालूम नहीं हो, उनके लिए हस्त रेखा (palmistry) का अध्ययन कर सटीक भविष्य कथन किया जा सकता है। जीवन के हर पहलू के बारे मैं जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जीवन मैं किस तरह के सम्बंध रहेंगे, प्यार, विवाह व परिवार के बारे मैं जानकारी प्राप्त करने के लिए हथेली मैं स्थित मुख्य रूप से शुक्र पर्वत की स्थिति , ह्रदय रेखा व विवाह रेखा का अध्ययन किया जाता है।
अंगूठे के नीचे शुक्र का क्षेत्र , शुक्र पर्वत कहलाता है, अगर यह भाग उभरा हुवा है, और अंगूठे का पहला पर्व व मस्तिष्क रेखा लम्बी व बगेर काँट छाँट के हो तो व्यक्ति प्रेम समबंधो मैं ईमानदार व संयमी होगा।
किसी भी स्त्री व पुरुष के दाँए हाथ मैं ह्रदय रेखा गुरु पर्वत ( तर्जनी के नीचे का भाग ) तक सीधी जाती हो , व शुक्र पर्वत उभरा हुवा हो तो ऐसे व्यक्ति अच्छे व उदार प्रेमी साबित होते है।
अगर हथेली मैं शुक्र पर्वत बहुत ज़्यादा उभरा हुवा हो , साथ ही निम्न मंगल भी उभरा हो तो ऐसे व्यक्ति का झुकाव प्रेम से अधिक वासना की और होता है। ऐसे व्यक्तियों को जीवन मैं कई बार भावनाओं के कारण अति प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।( व्याभिचार के मामलों मैं लिप्त लोगों की हथेली मैं यह देखा जा सकता है )
हथेली मैं विवाह रेखा जो सबसे छोटी अंगुली के नीचे आड़ी रेखाए होती है , अगर ये एक से अधिक है तो , ऐसे लोगों के जीवन मैं एक से अधिक प्रेम सम्बंध होते है।
जिस व्यक्ति के हाथ मैं विवाह रेखा लम्बी व , सूर्य पर्वत तक जाती हो ( अनामिका अंगुली के नीचे सूर्य पर्वत होता है) , इन व्यक्तीयो का प्रेम सम्बंध सम्पन्न व प्रामाणिक लोगों के साथ होता है।
हद्रय रेखा से कोई रेखा निकल कर शनि पर्वत ( मध्यमा अंगुली के नीचे ) तक जाती हो , तो ऐसे व्यक्तीयो का प्रेम समबंधो से बहुत जल्दी ही मोहभंग हो जाता है , यह रेखा कई सन्यासीयो के हाथ मैं देखी जा सकती है।
दोनो ही हाथो मैं यदि विवाह रेखा समान लम्बाई वालीव् स्वस्थ हो तो ऐसे व्यक्तीयो को सम्पूर्ण जीवन सुखद प्रेम समबंधो की अनुभूति होती है।
फ़ोटो गूगल से साभार।
ज्योतिषाचार्य
उषा जैन भटनागर
No comments:
Post a comment