
कचौरी और समोसा सभी का favourite snack होता है , नोर्थ इंडिया मैं कचौरी दही , चटनी के साथ या आलू की रसेदार सब्ज़ी के साथ खायी जाती है ।
घर पर भी आसानी से बाज़ार की तरह फूली हुई ख़स्ता कचौरी बनायी जा सकती है । सूखा मसाला भर कर कई दिन तक स्टोर भी की जा सकती है ।
मैं आप से मूँग की दाल की कचौरी की receipy शेयर कर रही हू ।
आवश्यक सामग्री
Covering के लिए
- मैदा 2 कप
- तेल 1/2 कप
- नमक 1/2 tsp
- पानी

Stuffing के लिए
- धुली हुई मूँग दाल 1 कप
- लाल मिर्च 1 tsp
- हल्दी 1/4 tsp
- गरम मसाला पाउडर 1/2 tsp
- सोंफ ( दर दरी ) 1 tbsp
- हींग 1 pinch
- तेल 1 tbsp
- नमक स्वादानुसार

तलने के लिए तेल
बनाने की विधि
मैदा को छान कर उस मैं नमक मिलाए , तेल डाले , हाथ से मसल कर मिक्स करे , पानी डाल कर ना अधिक सख़्त ना अधिक ढीला , मैदा गुँथे । ठक कर आधा घंटा रखे ।
मूँग दाल धो कर , पानी डाल कर खुले बर्तन मैं उबाले , ज़्यादा नहीं पकाना है , पकने पर अतिरिक्त पानी निकाल दे ।
एक कढाही मैं तेल गरम करे , हींग व सोंफ डाले , मूँग दाल डाले , मिर्च , हल्दी , नमक व गरम मसाला मिलाए , मिला कर ठण्डा होने रख दे ।
निबु के आकार के मैदे के गोले बना ले , पूरी जितना बेले , अंदर एक चम्मच मूँग दाल भर कर , गोल घुमाते हुवे बंद कर दे ।
तलने के लिए तेल गरम करे , एक बार तेल अच्छा गरम हो जाए तो आँच बिलकुल कम कर दे , अब इसमै बनी हुई पूरियाँ दाल दे , बहुत ही कम आँच पर ही तले ।
कम आँच पर तलने से धीरे धीरे फूल कर कचोरियाँ बन जाएगी और सुनहरा रंग हो जाएगा ।
विशेष
अगर बना कर स्टोर करना है तो , दाल व मसालों को बहुत देर तक भून कर बिलकुल सूखा ले , व फिर भर कर तल ले , तो ये कई दिनो तक ख़राब नहीं होगी ।
कचौरी कम आँच पर तलने पर ही फूलती है ।
अगर कचौरी तलते समय फूट जाए तो , मैदा का पेस्ट चम्मच से डाल दे ।
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