हर विवाह योग्य लड़के व् लड़की व् उनके परिजनों की एक सामान्य जिज्ञासा होती है की भावी जीवन साथी किस दिशा मै मिलेगा ,कैसा स्वभाव होगा ,क्या करताहोगा आदि...
कई ज्योतिषय ग्रन्थ जैसे जातक आदेश मार्ग ,सारावली व् जातक पारिजात ग्रंथो मै कई तरीके ग्रहो की दृष्टि व् युति से बतायेगए है
कुंडली का सप्तम भाव जीवन साथी के बारे मै बताता है ,सप्तमेश किस राशि का है किससे युति कर रहा है किस पर दृष्टि डाल रहा है आदि बातो के अध्यन से सटीक फलादेश किया जा सकता है
सबसे पहले किस दिशामै खोज की जाये यह जानना जरुरी है ,यदि सप्तमेश प्रथम ,द्रितीय या बारहवे भाव मै स्थित हो तो जीवनसाथी निवास स्थान की पूर्व दिशा मै होगा
सप्तमेश स्वयं सप्तम मै ही हो तो पश्चिम दिशामै ढूंढा जाये ,
यदि सप्तमश पांचवे भाव मै हो तो जीवनसाथी सहपाठी या पूर्व परिचित हो सकता है
यदि सप्तमेश छठे स्थान पर हो तो माँ की तरफ या मामा मौसी की तरफ से स्थान से रिश्ता आ सकता है
यदि सप्तमेश बारहवे भाव मै हो तो चाचा ताऊ की तरफ की रिश्तेदारी मै सम्बन्ध हो सकता है
कई ज्योतिषय ग्रन्थ जैसे जातक आदेश मार्ग ,सारावली व् जातक पारिजात ग्रंथो मै कई तरीके ग्रहो की दृष्टि व् युति से बतायेगए है
कुंडली का सप्तम भाव जीवन साथी के बारे मै बताता है ,सप्तमेश किस राशि का है किससे युति कर रहा है किस पर दृष्टि डाल रहा है आदि बातो के अध्यन से सटीक फलादेश किया जा सकता है
सबसे पहले किस दिशामै खोज की जाये यह जानना जरुरी है ,यदि सप्तमेश प्रथम ,द्रितीय या बारहवे भाव मै स्थित हो तो जीवनसाथी निवास स्थान की पूर्व दिशा मै होगा
सप्तमेश स्वयं सप्तम मै ही हो तो पश्चिम दिशामै ढूंढा जाये ,
यदि सप्तमश पांचवे भाव मै हो तो जीवनसाथी सहपाठी या पूर्व परिचित हो सकता है
यदि सप्तमेश छठे स्थान पर हो तो माँ की तरफ या मामा मौसी की तरफ से स्थान से रिश्ता आ सकता है
यदि सप्तमेश बारहवे भाव मै हो तो चाचा ताऊ की तरफ की रिश्तेदारी मै सम्बन्ध हो सकता है
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